अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण का लाभ ले चुके 68500 शिक्षक भर्ती के अनारक्षित श्रेणी के हाई मेरिट याची अभ्यर्थियों का विवरण उपलब्ध कराने के संबंध में
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अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण का लाभ ले चुके 68500 शिक्षक भर्ती के अनारक्षित श्रेणी के हाई मेरिट याची अभ्यर्थियों का विवरण उपलब्ध कराने के संबंध में
68500 शिक्षक भर्ती : जिला आवंटन के लिए शिक्षकों के आवेदन फंसे, नहीं खुल रही वेबसाइट
68500 शिक्षक भर्ती : जिला आवंटन के लिए शिक्षकों के आवेदन फंसे, नहीं खुल रही वेबसाइट
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68,500 शिक्षक भर्ती के चयनितों को पसंदीदी जिला न मिलने का मामला तूल पकड़ चुका है। ऐसे में बेसिक शिक्षा परिषद ने चयनित अभ्यर्थियों की सहूलियत के लिए वाट्सएप नंबर 8005379280 जारी किया है।
जिन अभ्यर्थियों का आवेदन फार्म भरने में डाटा नाटफाउंड प्रदर्शित हो रहा है, वो उक्त नंबर पर चार अप्रैल को दोपहर 12 बजे तक प्रत्यावेदन भेज दें। ऐसे अभ्यर्थियों के आवेदन फार्म पांच अप्रैल को भरे जाएंगे।
हाल ही में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल ने गाइड लाइन जारी की, जिसके तहत हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले शिक्षकों को जिला आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन का मौका दिया गया।
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 शिक्षक भर्ती के तहत चयनित मेरिटोरियस रिजर्व कैटेगरी (एमआरसी) के अभ्यर्थी मनपसंद जिला आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। जनपद आवंटन के लिए अधिकतर शिक्षकों के फॉर्म नहीं खुल पा रहे हैं, जबकि फॉर्म भरने के लिए दो दिन शेष रह गए हैं। इस मसले पर चयनित सहायक अध्यापकों ने रविवार को शिक्षा निदेशालय में बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में विभिन्न जनपदों से शामिल सहायक अध्यापक शनी कुमार सिंह, आलोक शुक्ला, नवीन सिंह, सचिन गौतम, श्यामू वर्मा, सुनील प्रजापति, अश्विनी गुप्ता, अखिलेश यादव, शैलेंद्र मणि, अभिषेक प्रताप सिंह का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन में विसंगति के कारण जिला आवंटन की प्रक्रिया फंस गई है। 68500 शिक्षक भर्ती में शिक्षकों का जनपद आवंटन गलत तरीके से किया गया था।
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मनपसंद जिले का किया जाना है चयन
हाल ही में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल ने गाइड लाइन जारी की, जिसके तहत हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले शिक्षकों को जिला आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन का मौका दिया गया, लेकिन समस्या यह है कि अधिकतर शिक्षकों का जनपद आवंटन के लिए फॉर्म नहीं खुल पा रहा है।
शिक्षकों का कहना है कि सचिव कार्यालय से भी उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। उनकी मांग है कि व्हाट्सएप में प्रत्यावेदन और याचिकाओं से संबंधित विवरण न लेकर सभी याचिकाकर्ताओं के ऑनलाइन आवेदन के लिए फॉर्म खोल दिया जाए, जिससे सभी शिक्षक जल्द से जल्द आवेदन कर अपने पसंदीदा जनपद का चुनाव कर सकें।
अगर तकनीकी दिक्कत है तो सभी शिक्षकों के लिए ऑनलाइन आवेदन का विकल्प खोल देना चाहिए। इसके बाद जिलों में काउंसलिंग के माध्यम से उनका सत्यापन करा लिया जाए। अगर कोई शिक्षक याची नहीं है और गलत तरीके से लाभ लेने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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एक दिन बढ़ाई आवेदन की तिथि
बेसिक शिक्षा परिषद ने एमआरसी अभ्यर्थियों के जिला आवंटन के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि पांच अप्रैल तक बढ़ा दी है। पहले चार अप्रैल तक आवेदन मांगे गए थे।
68500 शिक्षक भर्ती : मेधावी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को पसंद का जिला देने का आदेश
68500 शिक्षक भर्ती : मेधावी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को पसंद का जिला देने का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के मामले में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश दिया है कि आरक्षित श्रेणी के ऐसे मेधावी अभ्यर्थी जो मेरिट में ऊपर होने के कारण सामान्य वर्ग में चयनित किए गए हैं (एमआरसी-मेधावी आरक्षित वर्ग) को उनकी प्राथमिकता का जिला आवंटित किया जाए। कोर्ट ने एकल न्यायपीठ द्वारा एमआरसी अभ्यर्थियों के संबंध में दिए गए निर्णय में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया और कहा है कि एमआरसी अभ्यर्थियों से 2 माह के भीतर आवेदन लेकर उनकी उनकी पसंद का जिला आवंटित किया जाए। इसी प्रकार से कोर्ट ने सामान्य वर्ग के ऊंची मेरिट के अभ्यर्थियों को भी उनकी पसंद के तीन प्राथमिकता वाले जिलों में से किसी एक जिले में यदि पद रिक्त है, तो नियुक्ति देने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने यह निर्णय याचिकाकर्ताओं के बीच आपसी सहमति बनने के आधार पर सुनाया है तथा कहा है कि इस फैसले को नजीर नहीं माना जाएगा। अमित शेखर भारद्वाज सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों की दर्जनों विशेष अपीलों पर सुनवाई करते हुए या आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने दिया। याचिकाओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा, अशोक खरे, अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी व सीमांत सिंह सहित कई अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा। अपील में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी। अपील में मुख्य तौर पर दो आधार लिए गए।
पहला कि बोर्ड ने रिक्तियों की संख्या 68500 से घटाकर 41556 कर दी और दूसरा यह कि चयनित अभ्यर्थियों की दो चरणों में काउंसलिंग कराई गई। पहले चरण में 35420 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराई गई तथा दूसरे चरण में 6136 की काउंसलिंग कराई गई। कहा गया कि दूसरी काउंसलिंग के मेरिट में नीचे रहने वाले अभ्यर्थियों को उनकी प्राथमिकता वाले जिले आवंटित कर दिए गए। जबकि प्रथम काउंसलिंग में शामिल अधिक मेरिट वाले अभ्यर्थियों को उनकी प्राथमिकता का जिला नहीं दिया गया, जोकि भेदभाव पूर्ण है ।
एक ही चयन प्रक्रिया में दो मानक
अपीलकर्ताओं के अधिवक्ताओं का कहना था कि जब चयन प्रक्रिया एक ही है तो बोर्ड विज्ञापित पदों को घटा नहीं सकता है तथा चयन प्रक्रिया को दो भागों में बांटा नहीं जा सकता। बोर्ड ने मनमाने तरीके से शासनादेश के विपरीत जिलावार रिक्तियों की संख्या घटा दी तथा एस्पिरेशन वाले जिलों फतेहपुर ,चंदौली, सोनभद्र, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट धाम, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती में रिक्तियों की संख्या को बढ़ा दिया गया। मगर इन जिलों में पद खाली रह गए, क्योंकि द्वितीय काउंसलिंग में शामिल अभ्यर्थियों को उनकी प्राथमिकता वाले जिले आवंटित कर दिए गए।
एमआरसी को आरक्षित श्रेणी में जिला आवंटन का आदेश
एकल न्याय पीठ ने ऐसे ओबीसी अभ्यर्थियों जो मेरिट में ऊपर होने के कारण सामान्य वर्ग में चयनित किए गए थे, को आरक्षित श्रेणी का मानकर प्राथमिकता वाले जिले आवंटित करने का निर्देश दिया। इसके विरोध में अपील करने वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का कहना था कि यह भेदभाव पूर्ण है, क्योंकि यदि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में चयनित कर लिया गया है और उनको प्राथमिकता वाला जिला आवंटित किया जा रहा है तो सामान्य वर्ग में उनसे मेरिट में ऊपर अभ्यर्थियों को भी प्राथमिकता वाला जिला पाने का हक है ।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पक्षकारों की आपसी सहमति के आधार पर निर्णय दिया कि जो चयनित अभ्यर्थी पहले से नियुक्ति पा चुके हैं चाहे वह किसी भी वर्ग के हैं और काम कर रहे हैं, उनको उन्हीं स्थानों पर काम करने दिया जाएगा। कोर्ट ने एमआरसी अभ्यर्थियों के संबंध में एकल न्याय पीठ द्वारा दिए गए निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा है कि याचिका दायर करने वाले जिन एमआरसी अभ्यर्थियों को उनकी प्राथमिकता वाले जिले आवंटित नहीं किए गए हैं, वो 2 माह में बोर्ड को आवेदन देंगे और बोर्ड एकल पीठ के फैसले के अनुसार उनको उनकी पसंद के जिले में 2 माह में नियुक्ति देगा। कोर्ट ने कहा कि आदेश सिर्फ अपील में शामिल अभ्यर्थियों पर ही लागू होगा, जिनकी याचिकाएं एकल पीठ द्वारा स्वीकार की गईं। इसी प्रकार से कोर्ट ने कहा है कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी अपनी पसंद के 3 जिलों का विकल्प बोर्ड को देंगे और बोर्ड उनको उनमें से किसी एक जिले में यदि पद रिक्त है तो नियुक्ति देगा।
68500 शिक्षक भर्ती: दस सितंबर को जारी होगी चयनितों के जनपद आवंटन की सू्ची
परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 68500 शिक्षक भर्ती के तहत पुनर्मूल्यांकन के दौरान सहायक अध्यापक के पदों पर चयनित 139 अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए आवेदन तो ले लिए लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद निर्धारित कार्यक्रम के तहत इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं कर सका। बेसिक शिक्षा परिषद ने अब नया कार्यक्रम जारी किया है, जिसके अनुसार 10 सितंबर को चयनित शिक्षकों के लिए जनपद आवंटन सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा।
68500 शिक्षक भर्ती के तहत तमाम अभ्यर्थी चयन न होने पर कोर्ट चले गए थे। अभ्यर्थियों का आरोप था कि मूल्यांकन में गड़बड़ी हुई है और इसी आधार पर उन्होंने पुनर्मूल्यांकन की मांग की थी। कोर्ट के आदेश पर पुनर्मल्यांकन हुआ, जिसमें 139 अभ्यर्थियों को चयनित घोषित किया गया था। बेसिक शिक्षा परिषद ने इन अभ्यर्थियों से 13 से 19 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। परिषद की ओर से पूर्व में जारी कार्यक्रम के अनुसार आवेदन के बाद डाटा प्रोसेसिंग का काम 20 अगस्त को होना था, 23 अगस्त तक सूची परिषद कार्यालय को उपलब्ध कराई जानी थी और 26 एवं 27 अगस्त को काउंसलिंग कराके नियुक्ति पत्र निर्गत किए जाने थे, लेकिन आवेदन लेने के बाद परिषद ने निर्धारित तिथि तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया और न ही स्थिति स्पष्ट की थी कि चयनितों को जनपद आवंटन कब किए जाएंगे।
चयनित अभ्यर्थी लगातार बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के चक्कर लगा रहे थे। अब बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से राष्ट्रीय सूचना केंद्र, योजना भवन के महानिदेशक को पत्र जारी कर कहा गया है कि उच्च न्यायालय में योजित विभिन्न याचिकाओं में पारित आदेश के अनुपालन में सहायक अध्यापक परीक्षा में पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के चयन/नियुक्ति की कार्यवाही के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए गए हैं। इसके तहत वैकेंसी मैट्रिक्स/प्रॉसेस फ्लो नौ सितंबर को उपलब्ध कराया जाना है और चयन/जनपद आवंटन की सूची का प्रकाश 10 सितंबर को होना है।
68500 शिक्षक भर्ती : पुनर्मूल्यांकन में सफल होने वाले कम, एससीईआरटी में जांची कॉपियां, परीक्षा नियामक कार्यालय जल्द देगा रिजल्ट
68500 शिक्षक भर्ती : पुनर्मूल्यांकन में सफल होने वाले कम, एससीईआरटी में जांची कॉपियां, परीक्षा नियामक कार्यालय जल्द देगा रिजल्ट
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती का एक और परिणाम आने जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर परीक्षा संस्था ने पुनमरूल्यांकन कराया है, हालांकि इसमें अंतिम रूप से सफल होने वालों की तादाद कम होगी। इसी के साथ लिखित परीक्षा में पूछे गए एक सवाल का जवाब शीर्ष कोर्ट ने दूसरा माना है, उन याचियों का भी परिणाम अब औपबंधिक रूप से जारी होगा। शीर्ष कोर्ट से अंतिम फैसला आना बाकी है।
परिषदीय स्कूलों की 68500 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया दो साल बाद अब तक जारी है। करीब 47 हजार से अधिक को नियुक्ति मिल चुकी है लेकिन, कई अभ्यर्थी जिन्होंने पुनमरूल्यांकन पर भी सवाल उठाए। हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों का फिर से मूल्यांकन कराने का आदेश दिया था। लंबे समय से इनका मूल्यांकन एससीईआरटी में चल रहा था। पुनमरूल्यांकन का परिणाम न आने से कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल हुई।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय अब इसी सप्ताह रिजल्ट घोषित करने की तैयारी में है। लगभग 600 कॉपियों का फिर से मूल्यांकन हुआ है और इसमें सफल होने वालों की तादाद दहाई में ही है। इसके अलावा भर्ती की लिखित परीक्षा में संस्कृत विषय में एक सवाल का जवाब शीर्ष कोर्ट ने विशेषज्ञों से इतर माना है। परीक्षा संस्था ने कोर्ट के आदेश पर कॉपियों का मूल्यांकन कराया है और उस परिणाम की घोषणा औपबंधिक रूप से करेगा, क्योंकि याचिका का अंतिम निर्णय आना शेष है। इस याचिका में सफल होने वालों की तादाद ठीक-ठाक है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि रिजल्ट इसी सप्ताह जारी करने की तैयारी है।
68500 शिक्षक भर्ती : पुनर्मूल्यांकन का परिणाम घोषित करने के लिए 15 दिन का समय
68500 शिक्षक भर्ती : पुनर्मूल्यांकन का परिणाम घोषित करने के लिए 15 दिन का समय
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के मामले में पुनर्मूल्यांकन का परिणाम घोषित करने के अपने पूर्व के आदेश का पालन करने के लिए 15 दिन का और समय दिया है। कोर्ट ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण से कहा है कि वह 15 दिन में आदेश का अनुपालन करें अथवा अदालत में हाजिर होकर स्पष्टीकरण दें। अंजना त्रिपाठी की अवमानना याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला ने दिया है।
याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि हाईकोर्ट ने 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में पुनर्मूल्यांकन का परिणाम तीन माह में घोषित करने का आदेश दिया था। इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दाखिल की गई। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने और समय की मांग की।
जिस पर कोर्ट ने 15 दिन का और समय दिया था। इसके बावजूद आदेश का पालन नहीं हुआ तो दुबारा अवमानना याचिका दाखिल की गई है। इस मामले में पहले से कई याचिकाएं दाखिल हैं। सचिव ने एक बार और समय दिए जाने की मांग की है। जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने 15 दिन में परिणाम घोषित करने या अदालत में सचिव को हाजिर होने का निर्देश दिया है।
68500 भर्ती में वरीयता से जिला आवंटन नहीं करने पर सचिव को अवमानना का नोटिस, 18 अगस्त को अगली सुनवाई
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प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में ओबीसी के ऐसे चयनित सहायक अध्यापकों जो मेरिट अधिक होने के कारण जनरज कैटेगरी में चले गए हैं को उनकी वरीयता के जिले आवंटित न करने पर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को अवमानना का नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि यदि 18 अगस्त तक आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो सचिव बेसिक शिक्षा परिषद अदालत में हाजिर होकर स्पष्टीकरण दें कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही प्रारंभ की जाए।
बादल मलिक और 11 अन्य की अवमानना याचिका पर न्यायमूíत जेजे मुनीर ने सुनवाई की। याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक याचीगण ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थी हैं। सहायक अध्यापक भर्ती में मेरिट में ऊपर होने के कारण वह जनरल कैटेगरी में चले गए। इसलिए विभाग ने उनको वरीयता वाले जिले आवंटित नहीं किए हैं, जबकि उनसे मेरिट में काफी नीचे के अभ्यíथयों को वरीयता वाले जिले दिए गए हैं। याचीगण ने गृह जिले को वरीयता दी थी। इस पर हाईकोर्ट ने 29 अगस्त 2019 को याचीगण को उनकी वरीयता के जिले आवंटित करने का निर्देश दिया था। याचिका पर अब 18 अगस्त 2020 को सुनवाई होगी।
68500 शिक्षक भर्ती:- भर्ती के मामले में एकल पीठ के फैसले को चुनौती, 260 दिन की देरी को किया माफ
68500 शिक्षक भर्ती:- भर्ती के मामले में एकल पीठ के फैसले को चुनौती, 260 दिन की देरी को किया माफ
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68500 शिक्षक भर्ती में जिला आवंटन मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ विशेष अपील दाखिल करने में हुई 260 दिन की देरी को माफ कर दिया है। कोर्ट ने देर से आने के कारण को पर्याप्त माना है। अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए जुलाई के दूसरे हफ्ते में पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस दौरान विपक्षियों को प्रश्नगत मामले की जानकारी प्राप्त कर लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने अमित शेखर भरद्वाज की विशेष अपील पर दिया है। अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने बहस किया।
गौरतलब है कि परिषदीय स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में जिला आवंटन प्रकरण में एकल पीठ दो बार सुनवाई करके फैसला दे चुकी है। लेकिन, दूसरे जिलों में तैनात शिक्षक मेरिट के अनुसार जिला आवंटन चाहते हैं। अब दो जजों की पीठ के समक्ष विशेष अपील दाखिल की गई है, इसकी जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई होगी। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 68500 भर्ती में सफल अभ्यर्थियों को विभिन्न जिलों में तैनाती दी गई है। इस भर्ती में लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की दो जिला आवंटन सूची जारी हुई, जिससे पहली सूची में चयनितों को अधिक गुणांक हासिल होने के बाद भी दूर के जिलों में नियुक्ति मिली। चयनितों की दूसरी सूची भर्ती के सभी पदों के हिसाब से बनी। इसमें कम गुणांक वालों को भी आसानी से गृह जिला मिल गया। इसी के बाद से जिला आवंटन का विवाद जारी है। नियुक्ति पाने वालों का अंतर जिला तबादला न करने के प्रावधान से अभ्यर्थी परेशान हैं। प्रभावित अभ्यर्थियों ने जिला आवंटन को एकल पीठ में चुनौती दी थी।