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अनलॉक-2 : रात 10:00 बजे से सुबह 5:00 तक प्रतिबंध, स्कूल 31 तक बंद
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारी एक जुलाई से और माध्यमिक शिक्षा विभाग के छह जुलाई से जाएंगे स्कूल
फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों को 01 जुलाई 2020 से खोलने से पूर्व सेनेटाइज किए जाने एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने के सम्बन्ध में डीएम ने जारी किया आदेश।
बेसिक शिक्षा विभाग ने तबादलों के लिए मांगी मंजूरी, जुलाई में हो सकते हैं अन्तर्जनपदीय तबादले
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग ने सहायक अध्यापकों के अंतर्जनपदीय तबादलों के लिए प्रदेश सरकार से मंजूरी मांगी है। सरकार की मंजूरी मिलने पर जुलाई में सहायक अध्यापकों के तबादले किए जा सकते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने तबादला नीति-2019 के तहत सहायक अध्यापकों से अंतर्जनपदीय तबादलों के लिए दिसंबर-जनवरी में आवेदन मांगे थे। प्रदेश भर से करीब 70 हजार शिक्षकों ने आवेदन किया था। इनमें से 69 हजार आवेदन सही पाए गए।
मानव सम्पदा पोर्टल पर विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों एवं कार्मिकों का सेवा विवरण ऑनलाइन अपलोड कराने एवं डाटा सत्यापित कराये जाने की तारीख बढ़ी, अब यह होगी नई तिथि
बेसिक शिक्षकों को छात्रों की अनुपस्थिति अर्थात बिना शिक्षण कार्य के विद्यालयों में बुलाने के आदेश के संबंध में कल माननीय मंत्री जी से वार्ता करके इस आदेश पर पुनः विचार करने का अनुरोध किया गया।
डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा
1 जुलाई से स्कूल खोलने का आदेश हुआ रदद्, डीआईओएस मुजफ्फरनगर का आदेश देखें
बेसिक शिक्षकों के लिए एक जुलाई से खुलेगा स्कूल, एक दर्जन कामों की जिम्मेदारी
लखनऊ। प्रदेश में सभी परिषदीय स्कूल शिक्षकों के लिए खुल जाएंगे। हालांकि अभी स्कूलों में पठन-पाठन नहीं होगा, लेकिन शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को स्कूल में बैठकर बच्चों की ऑनलाइन क्लास लेने के साथ एक दर्जन से अधिक काम करने होंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को जुलाई महीने का एजेंडा जारी कर दिया है। ब्लॉक स्तर पर सुबह और दोपहर की पाली में पांच-पांच प्रधानाध्यापकों को रोस्टर के अनुसार उपस्थित रहना है।
एक जुलाई से सभी शिक्षकों से मिड-डे-मील योजना के तहत बच्चों को कुकिंग लागत का भुगतान और अनाज वितरित कराना होगा। मानत्र संपदा पोर्टल पर अपने दस्तावेजों का सत्यापन करना होगा। मिशन प्रेरणा के तहत ई-पाठशाला संचालित कर बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज देनी होगी। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों का रंगरोगन, मरम्मत और सौंदर्य से जुड़े कार्य कराने होंगे। समर्थ कार्यक्रम के तहत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा से जोड़कर उनकी शिक्षा और थैरेपी की व्यवस्था करनी होगी। स्कूलों में निशुल्क पाठ्यपुस्तक, यूनिफार्म वितरण करना होगा। शिक्षकों को यू-डायस पोर्टल पर विद्यालयों में बच्चों के नामांकन, इंफ्रास्ट्क्चर और शिक्षकों से जुड़े आंकड़े भी फीड करने होंगे। शारदा कार्यक्रम के तहत आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिहिनत कर उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाना होगा। दीक्षा एप के जरिए शिक्षकों को कौशल विकास के लिए तैयार 75 कोर्स का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलयन की कार्यवाही को भी पूरा कराना होगा। विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने स्कूल खोलने के बाद सबसे पहले स्कूलों को पूरी तरह सैनिटाइज कराने और साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए हैं। ब्यूरो