एक तीर से कई निशाने लगाए शिक्षक संगठन ने
सरकार और शिक्षक संगठन में शुरू हुआ शह और मात का खेल
लखनऊ।।29|5|2021
पिछले कई दिनों से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मृत हुए शिक्षको की संख्या पर न केवल प्रदेश अपितु अंतराष्ट्रीय स्तर पर उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार घिरती नजर आई है।जहां एक ओर उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ दिनेशचन्द्र शर्मा शिक्षको की संख्या 1621 बता रहे वही मंत्री जी 3।सरकार से मृत शिक्षको के आश्रित के लिए एक करोड़ व नौकरी की मांग संघ ने रखी है जिसमे सरकार हीलाहवाली कर रही।वही संगठन की एक नई पेशकश ने सरकार को असमंजस में डाल दिया है।संगठन नेअपनी माँग पूरी होने तक संघर्ष जारी रखने का एलान करते हुए सभी शिक्षको का एक दिन का वेतन देने का एलान कर दिया ताकि अपने शिक्षक भाइयों की कुछ आर्थिक मदद हो सके।अब सरकार यदि कटौती करती है तो जग हसाई होगी और नही काटती तो तब भी यही बात आएगी की खुद भी नही दे पा रहे और शिक्षक खुद दे रहे तब भी दिक्कत।दूसरी तरफ यदि कटौती करती है तो कितनो को देती है 3 शिक्षको को या 1621 को।
यदि 3 को देती जिनकी मृत्य सरकार ने स्वीकार की है तो संगठन ने 1621 को देने की मांग की है और यदि 1621 को देती है तो सरकार गलत।
ऐसी कई और छुपी तकनीकी बातों ने सरकार को असमंजस में डाल दिया है।सरकार से गलबहियां किये कुछ संगठनों ने सरकार के इशारे पर उक्त संगठन के निर्णय का विरोध भी इधर उधर की बाते कर प्रारम्भ कर दिया है।विशेषग्यो की माने तो सरकार जल्दी वेतन कटौती को तैयार नही होगी।
सरकार से आमने सामने की लड़ाई लड़ रहे एकमात्र संगठन उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के इस दांव कैसे सरकार निपटती है ये तो वक्त बताएगा पर इतना जरूर है कि जैसे सरकार को संगठन की एक मांग मानकर पीछे हटना पड़ा और अनुकंपा नियुक्ति को चतुर्थ श्रेणी से हटाकर तृतीय करना पड़ा वैसे ही कुछ इस मामले में भी करना पड़ेगा।