69000 शिक्षक भर्ती : चंद अंकों से लटकी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों पर तलवार, सूची में फेरबदल होना तय

69000 शिक्षक भर्ती : चंद अंकों से लटकी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों पर तलवार, सूची में फेरबदल होना तय

प्रयागराज : प्राथमिक स्कूलों की 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में चंद अंकों से उत्तीर्ण होने वालों पर चयन से बाहर होने की तलवार लटक गई है। उन्हें भले ही जिला आवंटित हो चुका है लेकिन, नियुक्ति मिलने से पहले ही चयन सूची से भी बाहर हो सकते हैं। वजह, भर्ती के आवेदन फार्म में गलत प्रविष्टियां करने वालों को सुधार का मौका दिया गया है, इससे मेरिट सूची में फेरबदल होना तय है। साथ ही कई अभ्यर्थियों का आवंटित जिला भी बदल सकता है।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में वैसे तो 1,46,060 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए थे। लेकिन, नियुक्ति पाने के लिए आवेदन सिर्फ 1,36,621 ने किया था। जो अभ्यर्थी इस प्रक्रिया से बाहर रहे जिनके गुणांक कम थे या फिर उनके आवेदन में खामियां थी। परिषद ने प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति के लिए 67867 अभ्यर्थियों को जिला आवंटित किया था। जिला आवंटन सूची में जो अभ्यर्थी कम गुणांक पर शामिल हैं, वे अब नए अभ्यर्थियों के आने से बाहर हो सकते हैं। प्रतियोगियों का कहना है कि आवेदन फार्म में गलतियां सुधार वालों की संख्या काफी अधिक है। उनके आने से चयन गुणांक बढ़ेगा और कई अभ्यर्थियों का जिला आवंटन बदल सकता है। शीर्ष कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है, फैसला सुरक्षित है। कोर्ट फैसला कब सुनाएगा, स्पष्ट नहीं है।

मीरजापुर के बाद आजमगढ़, बलरामपुर, व जौनपुर, वाराणसी में हुई पितृ विसर्जन की छुट्टी, आदेश देखें

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UP BEd : यूपी में वर्ष 2022 से लागू हो सकता है चार वर्षीय बीएड कोर्स, नई शिक्षा नीति में दी गई है 2030 तक की मोहलत

UP BEd : यूपी में वर्ष 2022 से लागू हो सकता है चार वर्षीय बीएड कोर्स, नई शिक्षा नीति में दी गई है 2030 तक की मोहलत

नई शिक्षा नीति में चार वर्षीय बीएड कोर्स लागू करने के लिए ज्यादा मोहलत दिए जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश में यह पहले ही लागू हो सकता है। नई शिक्षा नीति लागू करने को गठित उच्च शिक्षा विभाग की स्टीयरिंग कमेटी को इस संबंध में लगातार सुझाव मिल रहे हैं। ऐसे में यह कोर्स वर्ष 2022 से ही लागू करने पर विचार चल रहा है। प्रदेश में इस समय दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम लागू है। अभ्यर्थी चाहे स्नातक हो या स्नातकोत्तर उसे दो वर्षीय बीएड ही करना पड़ता है। हालांकि नई शिक्षा नीति में स्नातकोत्तर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को एक वर्षीय बीएड करने की छूट देने का भी प्रावधान है। दो वर्षीय बीएड केवल स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को करना होगा। 

नई शिक्षा नीति में यह प्रावधान है कि वर्ष 2030 के बाद केवल चार वर्षीय बीएड करने वाले ही शिक्षक भर्ती के लिए पात्र होंगे। इस तरह वर्ष 2026 तक दाखिला लेकर स्नातक के साथ बीएड की डिग्री हासिल करने वाले पात्रता की श्रेणी में आ जाएंगे। यह पाठ्यक्रम इंटरमीडिएट के बाद ही चुनना होगा। 

स्टीयरिंग कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि चार वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित करने की तैयारी पहले से चल रही थी। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए यह पाठ्यक्रम ज्यादा उपयोगी होगा। इससे शिक्षण कार्य के प्रति प्रतिबद्ध लोग आगे आएंगे। ऐसे में इसे लागू करने में देर करने की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार की मंशा भी है कि नई शिक्षा नीति वर्ष 2022 से लागू कर दी जाए। हालांकि उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को दोनों पाठ्यक्रम साथ-साथ संचालित करते रहना चाहिए। 

एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने कहा कि इस संबंध में सरकार को सुझाव दिया गया है।

SCHOOL reOPEN: 21 सितंबर से स्कूल-कॉलेज खोलने की तैयारी पर कहीं असमंजस तो कहीं है पूरी तैयारी, जानें किस राज्य में क्या है स्थिति?

School Reopen: 21 सितंबर से स्कूल-कॉलेज खोलने की तैयारी पर कहीं असमंजस तो कहीं है पूरी तैयारी, जानें किस राज्य में क्या है स्थिति?

झारखंड, हरियाणा समेत कई राज्य सरकारें चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोलने की तैयारी जुट गई हैं, तो कुछ सरकारें अभी इसको लेकर असमंस में दिख रही हैं.

नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच अनलॉक-4 में केंद्र सरकार ने देशभर के स्कूल-कॉलेज खोलने की अनुमति दे दी है. 21 सितंबर से स्कूल-कॉलेज खोलने की केंद्र की गाडइडलाइंस के बाद अब राज्य सरकारें भी स्कूल खोलने के लिए नियम-कायदे बनाने में जुट गई हैं. केंद्रीय दिशानिर्देश के तहत 9वीं से 12वीं क्लास तक के बच्चे अपने माता-पिता से लिखित परमिशन लेकर स्कूल जा सकते हैं. झारखंड, हरियाणा समेत कई राज्य सरकारें चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोलने की तैयारी जुट गई हैं, तो कुछ सरकारें अभी इसको लेकर असमंजस में दिख रही हैं.

हरियाणाहरियाणा सरकार ने 21 सितंबर से स्कूल खोलने की योजना बना ली है. हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल सिंह गुज्जर का कहना है कि प्रदेश एक बार फिर स्कूल खोलने को लेकर तैयार है. स्कूलों को सैनिटाइज करने के लिए बजट आवंटित किया जा चुका है. हालांकि राज्य सरकार ने करनाल और सोनीपत जिले में पहले सिर्फ क्लास 10 और 12 के छात्रों लिए स्कूल खोलने की बात कही है.

झारखंडझारखंड सरकार भी महामारी के बीच स्कूल खोलने के पक्ष में है. गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए यहां पहले क्लास 10वीं और 12वीं की पढ़ाई शुरू होगी. झारखंड के शिक्षा मंत्री वैद्यनाथ महतो का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. उन्होंने बताया, ‘एक सर्वे से हमें पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में ऑनलाइन क्लास का महज 27 फीसदी छात्र ही लाभ ले पा रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में तो यह आंकड़ा और भी खराब है. कुछ बच्चों के पास मोबाइल कनेक्शन भी नहीं है.’

आंध्र प्रदेशआंध्र प्रदेश में भी 21 सितंबर से स्कूल खुल रहे हैं. यहां 50 फीसदी टीचिंग और 50 फीसदी नॉन टीचिंग स्टाफ को स्कूल में बुलाया जा सकता है. क्लास 9 से 12 तक का कोई भी छात्र अपने पैरंट्स की लिखित अनुमति के बाद स्कूल जा सकता है और पढ़ाई कर सकता है.

उत्तर प्रदेशउत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार की गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर स्कूल-कॉलेज  खोले जा सकते हैं. हालांकि यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 15 सितंबर तक कोरोना की स्थिति पर नजर रखी जाएगी, इसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि स्कूल खोले जाएंगे या नहीं.

फिलहाल अभी 10वीं, 12वीं के लिए दूरदर्शन यूपी और 9वीं, 11वीं क्लास के लिए स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से क्लासेज चल रही है. हर हफ्ते क्लास का टाइमटेबल तय किया जाता है. वहीं 8वीं तक के बच्चों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप या अन्य किसी माध्यमों से क्लास चलाई जा रही हैं.

दिल्ली में बंद रहेंगे स्कूलदिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी के कारण 30 सितंबर तक सभी स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है. दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अनुसार, सभी स्कूलों को 30 सितंबर तक बंद रखा जाएगा. कंटेंमेंट जोन के बाहर सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं क्लास तक के छात्रों को स्वैच्छिक आधार पर स्कूल जाने की अनुमति दी जा सकती है. हालांकि छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास और टीचिंग एक्टिविटी हमेशा की तरह जारी रहेंगी.

उत्तराखंड सरकार की गाइडलाइंसकोरोना महामारी के मद्देनजर उत्तराखंड में स्कूल, कॉलेज 30 सितंबर तक बंद रहेंगे. राज्य सरकार ने पूरी तरह से स्कूल खोलने की अभी अनुमति नहीं दी है. दरअसल, उत्तराखंड में कुल 28 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आ चुके हैं. इनमें से करीब नौ हजार लोग अभी भी बीमारी से संक्रमित हैं, इनका ईलाज चल रहा है.

इन राज्यों के अलावा तमिलनाडु सरकार भी अभी स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं है. छत्तीसगढ़ में स्कूल खोलने पर कोई विचार नहीं हुआ है, फिलहाल ऑनलाइन क्लास और यूनिक ऑफलाइन क्लासेज पर जोर देने कोशिश की जा रही है. बिहार में अभी इसपर चर्चा नहीं हुई है. हालांकि हिमाचल प्रदेश में केंद्र की गाइडलाइंस के आधार पर स्कूल खोले जा सकते हैं.

वर्ष के अंत तक स्कूलों में पहुंच जाएंगे टैबलेट, बच्चों की बायोमीट्रिक हाजिरी ली जा सकेगी

प्रदेश के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में टेबलेट इस वर्ष के अंत तक पहुंच जाएंगे। प्रदेश के 1.59 स्कूलों के प्रधानाचार्यों को एक-एक टेबलेट दिया जाना है। इसकी खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग को 1,64, 323 टैबलेट खरीदने हैं और इसमें 150 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। वर्ष के अंत तक टैबलेट स्कूलों तक पहुंच जाएंगे। टैबलेट के लिए कम्पनियां 29 सितम्बर तक आवेदन कर सकेंगी। कम्पनियों को ब्लॉक स्तर पर टेबलेट की सप्लाई देनी होगी। इस टेबलेट में बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था है। इसके जरिए प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी। पिछले सत्र में भी टेबलेट की योजना आई थी लेकिन इसके टेण्डर में ज्यादा कम्पनियां नहीं आईं थीं। इक्का-दुकक्‍्का कम्पनियों के चलते खरीद प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। इस बार फिर से टेबलेट प्रधानचार्यों को देने की तैयारी है। प्रधानाध्यापकों के अलावा इसे 4400 अकादमिक रिसोर्स पर्सन और 880 ब्लॉक रिसोर्स सेण्टर को भी टेबलेट दिया जाएगा। इसके साथ डाटा प्लान भी दिया जाएगा।


बच्चों की बायोमीट्रिक हाजिरी ली जा सकेगी 
पिछले सत्र में राज्य सरकार ऐसे टैबलेट की खरीद करने जा रही थी जिससे फोटो के माध्यम से हाजिरी ली जा सके | लेकिन सेल्फी के माध्यम से हाजिरी का खूब विरोध हुआ जिसका तोड़ निकालते हुए सरकार ने बायोमीट्रिक हाजिरी वाले की व्यवस्था की है। इसके माध्यम से बच्चों की हाजिरी भी सुनिश्चित करने की योजना है|

कोरोना काल मे 9 से 12 तक के स्कूल 21 सितम्बर से नहीं खुलेंगे, 15 को समीक्षा के बाद होगा अंतिम निर्णय

कोरोना काल मे 9 से 12 तक के स्कूल 21 सितम्बर से नहीं खुलेंगे, 15 को समीक्षा के बाद होगा अंतिम निर्णय – School Open in COVID19

COVID19 : प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 21 सितंबर से माध्यमिक विद्यालयों को न खोले जाने का निर्णय लिया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उच्च स्तर पर इसकी सैद्धांतिक सहमति बन गई है। सितंबर के बाद संक्रमण की स्थिति का जायजा लेने के बाद ही प्रदेश में स्कूल खोलने का निर्णय किया जाएगा।

केंद्र सरकार की अनलॉक-4 की गाइडलाइन के आधार पर प्रदेश सरकार ने भी अपनी गाइडलाइन जारी की है। इसमें 21 सितंबर से कंटेनमेंट जोन से बाहर के स्कूलों के कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को शिक्षकों से मार्गदर्शन के लिए बुलाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन इसके लिए विद्यार्थियों के माता-पिता की लिखित अनुमति को अनिवार्य किया गया था। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भी इसके लिए मानक व प्रक्रिया तय करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन अब माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी इस बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं।उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि हम 15 सितंबर के बाद कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करेंगे। यदि संक्रमण फैलने की स्थिति यूं ही बनी रही तो स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जाएंगे। 

अलीगढ़ : बीएसए कोरोना संक्रमित, ऑफिस के कर्मचारी होम क्वारंटाइन

बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सारे कर्मचारियों को होम क्वारंटाइन कर दिया गया है, इसके साथ ही उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वह घर से ही विभागीय कार्यों को पूरा करें। बीएसए कार्यालय में कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित आने के बाद सभी को सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है।


कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वाले सभी कर्मचारी घर से काम करेंगे, शासन के निर्देशानुसार सभी को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जा रही है। -डॉ.लक्ष्मीकांत पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी।


कर्मचारियों को घर पर रहकर काम करने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही घर में काम करने वाले कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा भी दी है। इसके साथ ही बचे हुए कर्मचारियों की स्वास्थ्य विभाग की सहायता से जांच
बीएसए के कोरोना संक्रमित आने के बाद विभाग में जांच कैंप लगाकर पूरे स्टाफ की जांच की गई थी। जिसके बाद बीएसए कार्यालय के कइ कर्मचारी संक्रमित पाए गए थे। ऐसे में विभागीय अधिकारियों ने सुरक्षा के चलते सभी कराई जा रही है।

अंतर्जनपदीय स्थानांतरण- 2019: योजना/प्रस्ताव बनने के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिकाओं के तबादलों को यह कहकर लगा रखी रोक

अंतर्जनपदीय स्थानांतरण- 2019: योजना/प्रस्ताव बनने के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिकाओं के तबादलों को यह कहकर लगा रखी रोक


योजना प्रस्ताव बनने के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिकाओं के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण जुलाई 2019 में यह कहकर रोक दिया गया कि बीच सत्र सम्भव नही है क्योंकि बच्चों की पढ़ाई में बाधा पहुंचेगी ! सभी शिक्षक ख़ुशी ख़ुशी मान गए ( जबकि आपने सरकार में आते ही अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण  3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया था जिसका विभाग को क्या लाभ मिला आज तक स्पष्ट नही हुआ )। पुनः दिसम्बर 2019 में शुरू किया गया ताकि आगामी नवीन सत्र अप्रैल 2020 से स्थानांतरित होकर शिक्षक अपने नवीन विद्यालय में पहुंच जाएं । स्थानान्तरण पत्र जारी होने की अंतिम दिनांक 15 मार्च रखा गया । अधिकारी गण की शिथिल कार्यप्रणाली के चलते फिर बढाकर 20 अप्रैल- 30 अप्रैल रखा गया । लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके । बीच में ही कोविड-19 के चलते 25 मार्च से गतिमान प्रक्रिया रुक गयी । अनलॉक-01 से ही हजारो शिक्षकों के बारम्बार विनम्र निवेदन के बावजूद यह कहकर लौटाया गया कि कोरोना में स्थानान्तरण नही होगा । यहां तक तो सबको बात समझ आयी। सभी शिक्षक अपनी सभी परेशानियों को एक किनारे कर आपकी इच्छा शिरोधार्य की । किन्तु अब विभिन्न परीक्षाओं की भीड़ को देखते हुए, विभागीय कार्यालय, विद्यालय खुले होने( कार्यमुक्त होने-कार्यभार ग्रहण करने में भी कोई समस्या नही) साथ ही विद्यालय में अभी बच्चों की उपस्थिति भी नही है, ऐसे में “”अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण – 2019″” को रोका जाना प्रदेश के समूचे शिक्षक समाज व उनके परिवार सहित उनके शुभचिंतकों की समझ से परे है .

यूपी में मैनेजमेंट कोटे से रखे गए शिक्षकों के लिए बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 के बाद की नियुक्तियां की रद्द, देखें स्पेशल रिपोर्ट

यूपी में मैनेजमेंट कोटे से रखे गए शिक्षकों के लिए बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 के बाद की नियुक्तियां की रद्द, देखें स्पेशल रिपोर्ट

नई शिक्षक भर्ती में 12 लाख से अधिक आवेदन का अनुमान, 15 लाख से अधिक बीएड पास युवक बेरोजगार

नई शिक्षक भर्ती में 12 लाख से अधिक आवेदन का अनुमान, 15 लाख से अधिक बीएड पास युवक बेरोजगार

प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी ) के रिक्त 16 हजार से अधिक पदों पर शुरू होने जा रही भर्ती में 12 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के आवेदन का अनुमान है। इससे पहले 2016 में टीजीटी के 7950 और पीजीटी के 1344 पदों पर भर्ती के लिए 10.71 लाख अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे थे और फिलहाल यह भर्ती पूरी नहीं हो सकी है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब के अनुसार टीजीटी के 13237 और पीजीटी के 2896 रिक्त पदों की सूचना मिलचुकी है। हालांकि यह संख्या घट- बढ़ सकती है। चयन बोर्ड ने इन पदों पर भर्ती की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। ऑनलाइन आवेदन के लिए सॉफ्टवेयर बनवाने के साथ ही उसकी सिक्‍योरिटी ऑडिट भी कराई जा चुकी है। वैसे तो चयन बोर्ड ने इसी महीने विज्ञापन निकालने की तैयारी कर ली थी लेकिन तदर्थ शिक्षकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अक्टूबर अंत तक भर्ती शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। क्योंकि तदर्थ शिक्षकों को भी नई भर्ती में सम्मिलित करना होगा। लिखित परीक्षा मई 2021 में कराई जा सकेगी। इस लिहाज से सर्वोच्च न्यायालय के जुलाई 2021 से पहले चयन एवं पदस्थापन की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश का अनुपालन थोड़ा मुश्किल दिख रहा है।


15 लाख से अधिक बीएड पास युवक बेरोजगार
एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में उत्तर प्रदेश में सिर्फ बीएड पास बेरोजगारों की
संख्या 15 लाख से अधिक है | प्रशिक्षित स्नातक के लिए बीएड अभ्यर्थी आवेदन
के योग्य हैं जबकि प्रवक्‍ता पद के लिए परास्नातक करने वाले फॉर्म भर सकते हैं।
बेरोजगारों की बड़ी संख्या के मद्देनजर चयन बोर्ड ने भी अपनी तैयारी की है।