जनवरी-फरवरी में देश में लगने लगेगा कोरोना का टीका, 50-60 फीसद आबादी का ही टीकाकरण

जनवरी-फरवरी में देश में लगने लगेगा कोरोना का टीका, 50-60 फीसद आबादी का ही टीकाकरण

नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश में इस महीने के अंत तक या अगले माह जनवरी में कोरोना का टीका उपलब्ध हो जाएगा और इसे आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकेगी। जनवरी के अंत या फरवरी के शुरुआत में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत के पास दो-तीन टीके के विकल्प है।


एम्स निदेशक ने बताया कि पूरे देश को टीकाकरण की जरूरत नहीं है, क्योंकि 50 से 60 फीसद आबादी का टीकाकरण करने के बाद कोरोना वायरस की चेन टूट सकती है। उन्होंने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के टीके का तीसरे चरण में ट्रायल चल रहा है। इस महीने के अंत तक ये उपलब्ध हो जाने चाहिए और नए साल की शुरुआत में इसके आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल जानी चाहिए। रूस में निर्मित टीके का भी ट्रायल चल रहा है। फरवरी तक उसे मंजूरी मिल सकती है, जिससे हमारे पास ज्यादा विकल्प और ज्यादा खुराक उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के प्रशिक्षण पर काम चल रहा है। जिन लोगों को टीका सबसे पहले लगाया जाएगा, उसकी सूची तैयार की जा रही है। पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक तीन हफ्ते बाद दी जाएगी, उसके लिए भी तैयारी की जा रही है, ताकि दूसरी खुराक न छूटे। टीकाकरण का पहला मकसद मौतों को रोकना है।

UPTET 2020: फरवरी में होगा यूपी टीईटी का एग्जाम, एनआईसी से हरी झंडी के बाद जारी होगा विस्तृत कार्यक्रम

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प्रदेश सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को फरवरी-मार्च में टीईटी कराने की मंजूरी दी है। प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चुतर्वेदी ने बताया कि टीईटी के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। एनसाईसी की ओर से उसका साफ्टवेयर तैयार करने के साथ आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। एनआईसी को इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। एनआईसी की हरी झंडी के बाद टीईटी में आवेदन पत्र जमा करने और परीक्षा की तिथि घोषित की जाएगी।

परिषदीय शिक्षकों के बीच सत्र में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण पर लगी रोक हटी, अगला सत्र प्रारम्भ होने से पूर्व प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश, आर्डर देखें

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69000 शिक्षक भर्ती में 70% आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी, बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को दिए जवाब में तथ्य आये सामने, 04 दिसम्बर को होनी है अहम सुनवाई

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परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत 29 फीसदी सीटों पर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। सबसे अधिक 45.80 प्रतिशत सीटों पर अन्य पिछड़ा वर्ग ( ओबीसी ) 23.49 प्रतिशत सीटों पर अनुसूचित जाति, जबकि अनुसूचित जनजाति के मात्र .36 (दशमलव तीन छह प्रतिशत) अभ्यर्थियों का सेलेक्शन हुआ है। यानि कुल 69.64 या 70 प्रतिशत अभ्यर्थी आरक्षित जबकि 28.70 फीसदी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी हैं। 

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को दिए जवाब में ये तथ्य सामने आए हैं। इस शिक्षक भर्ती में आरक्षण की अनदेखी मामले की सुनवाई आयोग के नई दिल्‍ली कार्यालय में 4 दिसंबर को होनी है। 69000 पदों में 34500 पद अनारक्षित वर्ग के लिए निर्धारित थे। आयोग में दाखिल जवाब के अनुसार सामान्य वर्ग के 19805,ओबीसी के 31605, एससी के 16212 जबकि एसटी वर्ग के मात्र 245 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। 

एसटी वर्ग के पर्याप्त अभ्यर्थी नहीं मिलने के कारण इस कैटेगरी के लिए आरक्षित पदों में से 1133 खाली रह गए। बड़ी संख्या में ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने हाई मेरिट हासिल की जिससे उनका चयन भी नियमानुसार अनारक्षित वर्ग में हुआ।

68500 की पहली लिस्ट में 62% थे आरक्षित वर्ग के इससे पहले 2018 में शुरू हुई 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की पहली लिस्ट में 62 प्रतिशत अभ्यर्थी आरक्षित वर्ग के थे। 13 अगस्त को घोषित परिणाम में 41566 अभ्यर्थी सफल हुए थे। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव डॉ . प्रभात कुमार ने अपने ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी थी कि 41566 अभ्यर्थियों में से 15772 (37 .95 या 38 प्रतिशत) सामान्य, 19168 (46 .12 या 46 प्रतिशत) ओबीसी, 6616 (15.92 या 16 फीसदी) एससी/एसटी वर्ग के अभ्यर्थी थे।

परिषदीय शिक्षकों का ग्रामीण और नगरीय कैडर विभाजन होगा जल्द समाप्त : बेसिक शिक्षा मंत्री

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प्रदेश का एक भी विद्यालय नहीं रहेगा शिक्षक विहीन: डॉ. सतीश द्विवेदी

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश का एक भी परिषदीय विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं रहेगा। पिछली बार हुई भर्ती में कुछ स्कूलों में एक ही शिक्षक रह गये। इस बार कोशिश होगी कि एकल शिक्षक विद्यालयों पर भी नियुक्तियां हों।

बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के ग्रामीण और नगरीय कैडर को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा है कि नगरीय क्षेत्र में शिक्षकों की कमी को देखते हुए जल्द ही ग्रामीण और नगरीय केडर विभाजन खत्म कर दिया जाएगा। जल्द ही इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहहलग जाएगी।

 इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए थे। ये बातें बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने बुधवार को सीएम के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के दौरान कही। गोरखपुर में 35 साल से नगर क्षेत्र में शिक्षकों की नियुक्ति न होने का मुद्दा आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने एक दिसंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित की थी। 

बुधवार को गोरखपुरके दौरे पर आए मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक बेसिक शिक्षा में यह बहुत बड़ी समस्या रही है कि नगर व ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षकों की भर्ती अलग-अलग होती थी। काफी दिनों से नगर क्षेत्र में शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पायी है। इसलिए प्रदेश भर के जिलों के नगर क्षेत्र के ज्यादातर विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं।

69000 पदों के रिक्तियों के सापेक्ष 36590 पदों पर नियुक्ति हेतु “नियुक्ति आदेश” का प्रारूप जारी, ऐसा होगा नियुक्ति पत्र, देखें 

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मिशन प्रेरणा प्रश्नोत्तरी:- प्रेरणा लक्ष्य की प्राप्ति हेतु किए जा रहे औचक निरीक्षण में पूछे जाने वाले प्रश्न, देखें समझे और हो सके तो याद कर ले

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दीक्षा एप के अनुप्रयोग संवर्धन हेतु प्रत्येक डी ० एल ० एड ० प्रशिक्षुओ द्वारा 25 छात्रों /अभिभावओ को दीक्षा एप डाऊनलोड करवाने एवं प्रयोग करने हेतु प्रेरित करने के संबंध में आदेश जारी👇

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69000 शिक्षक भर्ती: चयन के बाद भी खाली रहेंगी सीटें, चयन से बाहर शिक्षामित्रों को मिल सकता है मौका

🔴पहले चरण में ही करीब तीन हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति का इंतजार

🔴 दूसरे चरण में भी अभिलेख भिन्नता वालों को नियुक्ति पत्र नहीं मिलेगा

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक चयन दो चरणों में भी पूरा नहीं हो सकेगा। चयनितों को बड़ी संख्या में नियुक्ति पद देने के बाद भी हजारों पद खाली रह जाएंगे। इसकी बानगी भर्ती के पहले चरण में ही मिल चुकी है, जब कम पद होने के बाद भी करीब तीन हजार सीटें अभी खाली हैं। दूसरे चरण में भी अभिलेख भिन्न वालों को नियुक्ति पत्र नहीं मिलेंगे। इससे नियुक्ति का तीसरा चरण भी संभावित है, जिसमें खाली पद भरे जा सकते हैं।

परिषदीय स्कूलों की भर्ती की शुरुआत ही एक जून को रिक्त पदों से हुई। उस समय 69000 पदों के सापेक्ष 67867 चयनित ही अर्ह मिले थे। शीर्ष कोर्ट के आदेश पर 31661 पदों के लिए 12 अक्टूबर को सूची जारी हुई, तब सिर्फ 31277 पदों पर चयन किया गया, क्योंकि शेष 384 पदों पर एसटी के चयनित उपलब्ध नहीं थे। पहले चरण की काउंसिलिंग में 28320 को ही नियुक्ति पत्र निर्गत हुआ है, करीब एक हजार मामले अभी विचाराधीन हैं। वहीं, तीन हजार पद खाली रह गए हैं।

अब दूसरे चरण की काउंसिलिंग बुधवार से होगी, इसमें कुल 37339 पदों में से 749 के लिए चयनित नहीं मिले इसलिए 36590 पदों की अनंतिम सूची जारी हुई। इसमें भी परिषद का निर्देश है कि जिन चयनितों के मूल अभिलेख और एनआइसी की ओर से जारी सूचनाओं में भिन्नता हों वह प्रकरण मुख्यालय को भेजे जाएं। तय है कि इसमें भी करीब तीन से चार हजार चयनित नियुक्ति पत्र नहीं पा सकेंगे। ये वही अभ्यर्थी जो लंबे समय तक परिषद मुख्यालय के सामने आवेदन के समय के रिकार्ड में संशोधन करने की मांग कर रहे थे, परिषद ने मौका नहीं दिया और कोर्ट भी कुछ को छोड़कर अधिकांश की याचिका खारिज कर चुका है। अब परिषद को ही अंतिम निर्णय करना होगा।
चयन से बाहर शिक्षामित्रों को मिल सकता मौका
भर्ती में दर्जनों ऐसे शिक्षामित्र हैं जिन्होंने आवेदन में शिक्षामित्र का जिक्र नहीं किया और वे अनंतिम सूची से बाहर हो गए। अब रिक्त पदों पर उन्हें मौका दिया जा सकता है। दोनों चरणों के चयनितों का निर्णय एक साथ होने के आसार हैं।

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कोर्स—10,11,12 का लिंक…..

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Answers link :- https://youtu.be/gfra2Pf26Y8

UP_सामाजिक विज्ञान का शिक्षणशास्त्र (उत्तर प्रदेश)


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Answers link :- https://youtu.be/DbCaHIkBwVE

UP_भाषा शिक्षण शास्त्र (उत्तर प्रदेश)


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माड्यूल 12

Answer link :- https://youtu.be/mTRdL3W3a0E

UP_विज्ञान का शिक्षाशास्त्र (उत्तर प्रदेश)


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