वर्ष 2000 से 2018 तक के विवादित/लंबित/निस्तारित समस्त भर्तियों, जो की कोर्ट के अंतिम/अंतरिम आदेशों के अधीन रहे हैं, उन समस्त भर्तियों के समस्त आवेदकों को NEP 2020 के तहत रिक्त पदों पर नियुक्ति देकर समस्त पुराने मुद्दों को समाप्त करने हेतु केंद्र सरकार के आदेशानुसार सभी राज्यों में कार्यवाही आरम्भ है, जिसके तहत UP बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की उच्चस्तरीय मीटिंग दिनांक 2/3/22 और 5/4/22 को सम्पन्न हुई।
📌 विशिष्ट बीटीसी 2004, 2007, 2008
📌 प्रशिक्षु चयन 2011 (72825 बीएड टेट 2011)
📌 बीटीसी भर्ती 12460, 15000, 16000 etc
📌 जूनियर विज्ञान शिक्षक भर्ती 29834
📌 शिक्षक भर्ती 68500
📌 शिक्षक भर्ती 69000
Etc मुद्दों पर समीक्षा/ विचार-विमर्श कर सम्बंधित विभाग/अधिकारी को निर्देश दिये गये।
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परिषदीय स्कूलों में वार्षिक परीक्षा स्थगित, परीक्षा की नई तारीखें अभी घोषित नहीं
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में 24 से 31 मार्च तक होली का अवकाश घोषित करने का निर्देश दिए जाने के बाद परिषदीय स्कूलों में 25 व 26 मार्च को होने वाली वार्षिक परीक्षा टल गई है। परीक्षा की नई तारीखें अभी घोषित नहीं की गई हैं।
जिन शिक्षण संस्थानों में परीक्षाएं चल रही हैं, वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कोविड प्रोटोकॉल के साथ होंगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए परिषदीय स्कूलों की वार्षिक परीक्षा की तारीखें तय की जाएंगी।
छेड़छाड़ की पीड़िता शिक्षिका पर ही मुकदमा दर्ज किए जाने पर सभी शिक्षक संघ खफा, शिक्षिका को अपराध मुक्त एवं अपराधी को गिरफ्तार न किए जाने पर संपूर्ण शिक्षक संघ करेगा चक्का जाम
जलते घर को देखने वालों फूस का छप्पर आपका है।
आपके पीछे तेज़ हवा है आगे मुकद्दर आपका है।
उस के क़त्ल पे मैं भी चुप था मेरा नम्बर अब आया।
मेरे क़त्ल पे आप भी चुप है अगला नम्बर आपका है।
_समस्त सम्मानित शिक्षक भाइयों और शिक्षिका बहनों सहित बेसिक शिक्षा परिषद में कार्यरत सभी कर्मचारियों को सादर अवगत कराना है कि दिनांक 07.12.2020 को विद्यालय में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को स्वेटर वितरण करने हेतु ब्लाक संसाधन केन्द्र गिलौला से शिक्षिका के द्वारा स्वेटर ले जाया जा रहा था जिस दौरान ग्राम भिठौरा राम सहाय में कतिपय मनचलों द्वारा शिक्षिका के साथ छेड़छाड़, अभद्रता एवं अश्लील हरकतें की गई। शिक्षिका के द्वारा उक्त घटना का विरोध करने पर मनचलों द्वारा ग्रामीणों की भीड़ एकत्र कर बुरी तरह से पिटाई कर जान से मारने की धमकी दी गई जिसके सन्दर्भ में शिक्षिका द्वारा थाना गिलौला में अभियोग पंजीकृत कराया गया। उक्त अभियोग दर्ज किये 05 दिन होने के बाद भी अद्यतन थानाध्यक्ष गिलौला द्वारा किसी भी मनचले की न तो गिरफ्तारी की गई है न ही कोई कार्यवाही की गई।_
_संज्ञान में आया है कि उक्त मनचलों,ग्रामीणों और राजनीतिक दबाव में थानाध्यक्ष के द्वारा उक्त शिक्षिका पर उल्टे फर्जी तरीके से एस0सी0/एस0टी0 एक्ट में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है जो कि पूरी तरह से फर्जी एवं मनगढंत है जिससे शिक्षिका का शारीरिक के साथ मानसिक आघात पहुंचाया जा रहा है यह सब मनगढ़ंत कार्य मुकदमा दर्ज कराने जैसे फर्जी मीडिया बाजी करके शिक्षिका को बदनाम करने जैसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं जो कि बहुत ही निंदनीय कृत्य है।_
_अस्तु उपरोक्त के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि यदि दो दिवस के अन्दर (दिनांक: 13.12.2020तक) उपरोक्त घटना में सम्मिलित आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं की गई एवं फर्जी तरीके से लगाया गया एस0सी0/एस0टी0 एक्ट नहीं हटाया गया तो जनपद के समस्त शिक्षकों द्वारा दिनांक: 14.12.2020 को अपराहन 03:00 बजे भिनगा_ _मुख्यालय पर चक्का जाम एवं पुलिस अधीक्षक आवास पर अनवरत धरना प्रदर्शन किया जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।_
_*समस्त शिक्षक और कर्मचारी समाज यह बखूबी जान ले कि आपकी 14 दिसंबर को मुख्यालय पर अनिवार्य उपस्थिति आपके सुरक्षित भविष्य के मार्ग को प्रशस्त करेगा।*_
_*आप सभी की उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है।*_
*उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ श्रावस्ती*
*राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ श्रावस्ती*
*बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन श्रावस्ती*
*विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन श्रावस्ती*
*अटेवा श्रावस्ती*
*उत्तर प्रदेशीय जूनियर शिक्षक संघ श्रावस्ती*
*एवं समस्त शिक्षक कर्मचारी संगठन*
Global Teacher Prize 2020: महाराष्ट्र के प्राइमरी स्कूल शिक्षक रंजीत दिसाले को 7 करोड़ का ग्लोबल टीचर प्राइज अवार्ड, दिल जीत लेगी उनकी कहानी
Global Teacher Prize 2020: महाराष्ट्र के प्राइमरी स्कूल शिक्षक रंजीत दिसाले को 7 करोड़ का ग्लोबल टीचर प्राइज अवार्ड, दिल जीत लेगी उनकी कहानी
महाराष्ट्र के रंजीत सिंह दिसाले को इस साल के ग्लोबल टीचर प्राइज से नवाजा गया है। एक प्राथमिक स्कूल शिक्षक रंजीत दिसाले को ये पुरस्कार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और देश में त्वरित कार्रवाई (क्यूआर) कोड वाली पाठ्यपुस्तक के प्रयास के लिए दिया गया है।
Global Teacher Prize-2020 के तहत पुरस्कार जीतने वाले शख्स को 10 लाख डॉलर (7,38,50,150 रुपये) दिए जाते हैं। इस साल के पुरस्कार की घोषणा गुरुवार को गई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रंजीत दिसाले को इस विशेष सम्मान के लिए बधाई दी है।
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पारितेवादी गांव के रहने वाले 32 साल के रंजीत अंतिम दौर में पहुंचे दस प्रतिभागियों में विजेता बनकर उभरे हैं। ये पुरस्कार हर साल दिया जाता है। इसकी शुरुआत वारके फाउंडेशन ने 2014 में की थी और इसके तहत उन शिक्षकों को ये सम्मान दिया जाता है जिन्होंने अपने काम में उत्कृष्ट योगदान दिया हो।
लंदन में हुए पुरस्कार की घोषणा के कुछ देर बाद दिसाले ने कहा कि वह अपनी पुरस्कार राशि का आधा हिस्सा अपने साथी प्रतिभागियों के बीच बाटेंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के उन 9 अन्य साथी फाइनलिस्ट के अतुल्य कार्य के लिए वे ये करीब 7 करोड़ की इनाम राशि उनके साथ बाटेंगे। कोरोना के कारण इस कार्यक्रम को ऑनलाइन आयोजित किया गया था।
इसी के साथ वे ग्लोबल टीचर प्राइज के इतिहास में पहले ऐसे शख्स बनेंगे जो अपनी इनामी राशि बाटेंगे। दिसाले ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने शिक्षा और संबंधित समुदायों को कई तरह से मुश्किल स्थिति में ला दिया। हालांकि, इस मुश्किल घड़ी में भी शिक्षक यह सुनिश्चित करने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं कि हर विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा मिल सके।
दिसाले कहा कि शिक्षक इस दुनिया में असल में बदलाव लाने वाले लोग होते है जो चॉक और चुनौतियों को मिलाकर अपने विद्यार्थियों की जिंदगी को बदल रहे हैं। वे हमेशा देने और शेयर करने में विश्वास करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘इसलिए मुझे भी ये घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मैं भी इस पुरस्कार राशि का आधा हिस्सा अपने साथी प्रतिभागियों में उनके शानदार कार्य के लिए सम्मान के तौर पर बांटूंगा। मेरा मानना है कि साथ मिलकर हम दुनिया को बदल सकते हैं क्योंकि साझा करना ही आगे बढ़ना है।’
वहीं, इस पुरस्कार के संस्थापक शनि वार्के ने रंजीक के बारे में कहा कि पुरस्कार राशि साझा करके आप दुनिया को देने का महत्व पढ़ाते हैं
बता दें कि दरअसल दिसाले जब साल 2009 में सोलापुर के पारितेवादी के जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय पहुंचे थे तब स्कूल का भवन बेहद जर्जर अवस्था में। ये किसी मवेशियों की रहने की जगह या स्टोर रूम के बीच का स्थान लग रहा था। ऐसे में रंजीत सिंह दिसाले ने चीजों को बदलने का जिम्मा उठाया।
उन्होंने ये भी सुनिश्चित किया कि विद्यार्थियों के लिए स्थानीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तक उपलब्ध हो सके। उन्होंने न केवल पाठ्यपुस्तकों का छात्र-छात्राओं की मातृभाषा में अनुवाद किया जबकि उसमें विशिष्ट क्यूआर कोड की व्यवस्था की ताकि छात्र-छात्राएं को ऑडियो कविताएं और वीडियो लेक्चर सहित कहानियां और गृहकार्य आदि दी जा सके।
ये भी उनके प्रयास का फल था कि उस समय से अब तक गांव में किशोरावस्था में शादियों की कोई बात सामने नहीं आई और स्कूल में लड़कियों की उपस्थिति भी शत-प्रतिशत सुनिश्चित हो सकी।