11 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

शोहरतगढ़ : परिषदीय विद्यालय में फर्जी तरीके से शिक्षक बन नौकरी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। बीईओ के तहरीर पर गुरुवार को तीन थानों में पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ढेबरुआ थाना क्षेत्र के डढ़वल में तैनात ज्योति श्रीवास्तव, मानपुर में तैनात निवेदिता सिंह, मड़नी में तैनात शालिनी सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। चिल्हिया थाना क्षेत्र में सिसई में तैनात विकास राय, संतोरा के अवनीश कुमार सिंह, परसिया के किरन सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। शोहरतगढ़ के मदरहना में स्नेह लता बरनवाल, रामवापुर में रिंकी यादव, लक्ष्मीनगर में रामप्रकाश सिंह, पकड़ी लाल में तैनात विवेकानंद व रीता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

इस संबंध में बीईओ अभिमन्यु ने बताया कि सत्यापन में सभी के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। इलाहाबाद आयोग से जांच में इन सभी की डिग्री फर्जी पाई गई है।

प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत फर्जी⁄संदिग्ध शिक्षको की जॉच⁄कार्यवाही के संबंध में जनपद स्तर पर गठित त्रि–सदस्यीय जॉच समिति की हस्ताक्षरित निर्धारित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध कराये जाने के संंबंध में।

प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत फर्जी⁄संदिग्ध शिक्षको की जॉच⁄कार्यवाही के संबंध में जनपद स्तर पर गठित त्रि–सदस्यीय जॉच समिति की हस्ताक्षरित निर्धारित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध कराये जाने के संंबंध में।

फर्जी 812 शिक्षकों की सेवा समाप्ति के आदेश

प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में तैनात 812 शिक्षकों की सेवा समाप्त करते हुए उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के आदेश हुए हैं। इन शिक्षकों का आगरा विश्वविद्यालय की बीएड डिग्री के आधार पर चयन हुआ था, पिछले दिनों हाई कोर्ट ने उनकी डिग्री को फर्जी करार दिया था। परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि नियमानुसार कार्रवाई करें।

हाई कोर्ट ने विशेष अपील किरनलता सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में 26 फरवरी को परिषदीय विद्यालयों में तैनात 814 शिक्षकों की बीएड डिग्री को फर्जी करार दिया था। परिषद सचिव ने उसी के अनुपालन के लिए आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि दो अभ्यर्थियों अनीता मौर्या पुत्री भोला सिंह टीआरके कॉलेज अलीगढ़ व विजय सिंह पुत्र हरि सिंह केआरटीटी कॉलेज मथुरा को छोड़कर अन्य 812 अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी होने की पुष्टि की गई है। नियमानुसार सेवा समाप्ति व एफआइआर की कार्रवाई की जाए।

सेवा समाप्ति यूनिवर्सिटी की ओर से पारित तारीख से मान्य: परिषद सचिव ने लिखा है कि जिन अभ्यर्थियों के अंकपत्र में कूटरचना की गई है, के संबंध में हाई कोर्ट के आदेश की तारीख से चार माह का समय निर्णय लेने के लिए दिया गया है।

फर्जी एवं संदिग्ध शिक्षकों की जांच के सम्बन्ध में सभी BSA को निर्देश जारी

फर्जी एवं संदिग्ध शिक्षकों की जांच के सम्बन्ध में सभी BSA को निर्देश जारी

जांच के लिए नहीं पहुंचे 15 शिक्षकों की सूची हुई जारी, दिव्यांग होने का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने वालों की जांच

आजमगढ़। बेसिक शिक्षा विभाग से शिक्षकों की हुई भर्ती में दिव्यांग होने का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने
वालों की जांच हो रही है। मेडिकल बोर्ड ने अनुपस्थित दिव्यांग शिक्षकों को सूची जारी कर दी है। इसमें जिले के 15 दिव्यांग शिक्षक हैं।

शीर्ष कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य बनाम रविंद्र कुमार शर्मा व अन्य की विशेष अपील की सुनवाई करते हुए तीन फरवरी, 2016 को आदेश दिया कि अभ्यर्थियों की जांच मेडिकल बोर्ड गठित कर कराई जाए। शासन ने इसके अनुपालन में 13 मई, 2016 को मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया। यह काम करीब पांच साल बाद पूरा हुआ। जनपद के 15 शिक्षक वर्ष 2016 से 2019 तक कभी भी मेडिकल बोर्ड के कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। मेडिकल बोर्ड ने उक्त शिक्षकों की सूची जारी कर दी है। साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जनपद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक व प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात दिव्यांग अभ्यर्थी का अभिलेख उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बता दें कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2007, विशेष चयन 2008 तथा सामान्य चयन 2008 में चयनित शिक्षकों की जांच हो रही है।


मेडिकल बोर्ड के समक्ष आज तक यह शिक्षक नहीं हुए उपस्थित
आजमगढ़। परिषदीय विद्यालयों में तैनात दिव्यांग शिक्षक जो वर्ष 2016 से 2019 के बीच आज तक उपस्थित न होने वाले शिक्षकों की सूची मेडिकल बोर्ड ने जारी कर दी है। कुल 204 शिक्षकों की सूची में 15 नाम आजमगढ़ जनपद में तैनात हुए शिक्षकों की है। इसमें 14 शिक्षक विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण वर्ष 2007 के और एक वर्ष 2008 का है।

विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2007, विशेष चयन 2008 तथा सामान्य चयन 2008 में चयनित दिव्यांग शिक्षकों की जांच चल रही है। मेडिकल बोर्ड द्वारा गठित टीम के समक्ष जिले के कई शिक्षक अनुपस्थित चल रहे हैं उक्त शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा। अंबरीष कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, आजमगढ़।

स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ द्वारा संदिग्ध चिन्हित 76 शिक्षकों के शैक्षिक व अन्य दस्तावेजों के सत्यापन व कार्यवाही के संबंध में

स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ द्वारा संदिग्ध चिन्हित 76 शिक्षकों के शैक्षिक व अन्य दस्तावेजों के सत्यापन व कार्यवाही के संबंध में – STF will verified suspected teacher document

प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के 700 शिक्षकों की बर्खास्तगी तय, फर्जी डिग्री के आधार पर पाई नौकरी

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन 71 जिलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन रिपोर्ट विशेष अनुसंधान दल काे सौंप चुकी है।
वाराणसी । सूबे के परिषदीय विद्यालयों में करीब 700 शिक्षकों की बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। इनका चयन संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री के आधार पर हुआ है। इनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन कर विश्वविद्यालय प्रशासन ने रिपोर्ट विशेष अनुसंधान दल को सौंप दी है। ऐसे में माना जा रहा कि फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों की दो माह में बर्खास्तगी हो सकती है।

बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में बड़ी संख्या में संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी शिक्षक नियुक्त हैं। चयन के समय विभाग ने इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया था। रिपोर्ट में व्यापक हेराफेरी की शिकायत मिली थी। इसमें एक शिक्षक का पहले फर्जी फिर बाद में उसका प्रमाणपत्र वैध घोषित कर दिया गया था। इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी थी। वहीं व्यापक पैमाने पर सत्यापन में हेराफेरी को देखते हुए शासन ने जांच एसआइटी को सौंपी। एसआइटी ने नए सिरे से शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया है।

तीन वर्ष से जारी एसआइटी की जांच
तीन सालों में करीब 15 से अधिक बार एसआइटी की टीम विश्वविद्यालय का दौरा कर चुकी है। विश्वविद्यालय प्रशासन उसे अंकचिट, टीआर सहित तमाम दस्तावेजों को उपलब्ध भी करा चुका है। प्रमाणपत्रों के वहीं जल्द सत्यापन के लिए एसआइटी का विश्वविद्यालय पर दबाव था। जिसका असर रहा कि 75 में 71 जिलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट एसआइटी को मिल चुकी है। वहीं दो जिलों की रिपोर्ट इस माह के अंत तक भेजने का निर्णय लिया गया है। सत्यापन में करीब सात सौ में शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी निकले हैं। ऐसे इनकी बर्खास्तगी तय मानी जा रही है।

दस वर्ष के प्रमाणपत्र जांच की जद में
मुख्य रूप से संस्कृत विवि से जारी दस साल के प्रमाणपत्र जांच की जद में हैं, जिन शिक्षकों ने वर्ष 2004 से 2014 तक का अंकपत्र, प्रमाणपत्र लगाया था एसआइटी ने उन्हीं के प्रमाणपत्रों का दोबारा सत्यापन कराया। इसमें पूर्व मध्यमा (हाईस्कूल), उत्तर मध्यमा, (इंटर), शास्त्री (स्नातक), बीएड के प्रमाणपत्र शामिल हैं।
फर्जी डिग्री मिली है
फर्जीवाड़े की जांच अब अंतिम चरण में है। संस्कृत विवि ज्यादातर जिलों की सत्यापन रिपोर्ट सौंप चुका है। जिसमें सूबे के 700 से अधिक शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली है। कुछ जिलों की सत्यापन रिपोर्ट का इंतजार है। विवि जैसे ही हर जिले की रिपोर्ट सौंप देगा एक सप्ताह में कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति कर दी जाएगी। – विनोद कुमार सिंह, इंस्पेक्टर, विशेष अनुसंधान दल
अंकपत्रों का प्रमाणपत्रों का सत्यापन चुनौती थी
75 जिलों के करीब चार-पांच हजार शिक्षकों के अंकपत्रों का प्रमाणपत्रों का सत्यापन चुनौती थी। एक जिले से 50-50 शिक्षकों के अंकपत्रों का सत्यापन करना था। रिपोर्ट सावधानी से तैयार कराई गई है। रिकार्ड से मिलान कराया ताकि चूक न हो। दो जिलों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन लंबित है। उसकी रिपोर्ट सप्ताहभर में मिलेगी। – प्रो. राजाराम शुक्ल, कुलपति, संविवि
डिग्री की जांच
● 75 जिलों के शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन होना था● 71 जिलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन पूर्ण● 15 बार संविवि का दौरा किया एसआइटी ने सत्यापन को लेकर● 10 वर्ष यानी 2004-14 तक के प्रमाणपत्रों का हुआ सत्यापन

फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करने की आरोपी सहायक अध्यापिका की बर्खास्तगी और वसूली नोटिस पर लगी रोक

फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करने की आरोपी सहायक अध्यापिका की बर्खास्तगी और वसूली नोटिस पर लगी रोक

आरोपी सहायक अध्यापिका की सेवा बर्खास्तगी और 53 लाख रुपये से अधिक के वसूली नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि अध्यापिका को सेवा में वापस लेकर अगले आदेश तक उसे वेतन का भुगतान जारी रखें।

औरैया की सहायक अध्यापिका नीलम चौहान की याचिका पर न्यायमूíत पंकज भाटिया ने यह आदेश दिया है। याची ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से बीएड से डिग्री ली है। 14 दिसंबर 2009 को उसकी नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय में बतौर सहायक अध्यापिका हुई। बाद में प्रोन्नति पाकर वह जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापिका हो गई। बेसिक शिक्षा अधिकारी औरैया ने 26 जून 2020 को उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया कि वह फर्जी मार्कशीट पर नौकरी कर रही है। याची ने नोटिस का जवाब दिया। लेकिन, उस पर बिना विचार किए 29 जून को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद तीन जुलाई को 53 लाख 28 हजार 334 रुपये लिए गये वेतन की वसूली नोटिस भी जारी कर दिया गया। याची अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट एकलपीठ के आदेश के आधार पर विभाग ने फर्जी मार्कशीट वाले अध्यापकों की बर्खास्तगी और वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ की थी।

बेसिक स्कूलों के तैनात फर्जी शिक्षकों कार्यरत की नियुक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के संबंध में आदेश जारी

फर्जी शिक्षकों के संबंध में दिनांक 08 जुलाई, 2020 से 10 जुलाई, 2020 तक (अपरान्ह् 3.30 बजे से 4.30 बजे तक) आयोजित समीक्षा बैठक के संबंध में।

फर्जी शिक्षकों के संबंध में दिनांक 08 जुलाई, 2020 से 10 जुलाई, 2020 तक (अपरान्ह् 3.30 बजे से 4.30 बजे तक) आयोजित समीक्षा बैठक के संबंध में।