निर्धारित प्रारूप पर उ0प्र0 बेसिक शिक्षा परिषद् के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत अनियमित/नियम बिरुद्ध/फर्जी रुप से नियुक्त परिषदीय शिक्षकों के बिरुद्ध कृत कार्यवाही की सूचना उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में।
Category: शिक्षा विभाग
एटा में 5 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया गया, शिक्षकों पर रिकवरी को शिक्षा विभाग से कार्यवाही
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के पांच फर्जी शिक्षकों को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया। बीएसए संजय सिंह का कहना है कि एफआईआर की कार्रवाई बाद में की जाएगी। शिक्षा विभाग ने डीएम सुखलाल भारती ने अनुमोदन मिलने के बाद यह कार्रवाई की है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि शासन से जारी प्रथम सूची में शामिल पांच फर्जी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं की बर्खास्तगी को मंगलवार को कर दी गई है। इस आशय का पत्र बुधवार को शिक्षक-शिक्षिकाओं तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि इन शिक्षकों की बर्खास्तगी के लिए भेजी पत्रावली पर डीएम ने कार्रवाई को अनुमोदन दे दिया है। डीएम के अनुमोदन के बाद मंगलवार को कार्रवाई कर दी गयी।
बीएसए ने कहा कि बर्खास्तगी के बाद एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई बाद में की जाएगी। उन्होंने बताया कि बर्खास्त होने वाले पांच शिक्षकों में ब्लॉक शीतलपुर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय नगला सुम्मेर के प्रधानाध्यापक प्रियंका, ब्लॉक सकीट क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय चपरई के प्रधानाध्यापक गीता, प्राथमिक विद्यालय रजकोट सहायक अध्यापक आभा, ब्लॉक जलेसर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय किसर्रा अमृतपुर की सहायक अध्यापक अनीता, ब्लॉक अलीगंज क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक वृंदावन बाथम शामिल हैं। इन शिक्षकों पर रिकवरी को शिक्षा विभाग से कार्रवाई चल रही है। इन शिक्षकों से विभाग को लगभग दो करोड़ रुपये की रिकवरी होनी है।
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प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अनियमित/नियम विरूद्ध/फर्जी रूप से नियुक्त शिक्षकों के विरूद्ध एस0आई0टी0/एस0टी0एफ0/जिला स्तरीय समिति/अन्य द्वारा की जा रही जाँच कार्यवाही के संबंध में।
Fatehpur : वित्तीय वर्ष 2019-20 का द्वितीय छमाही आन्तरिक सम्प्रेषण कराये जाने के संबंध में आदेश।
FATEHPUR : मानव सम्पदा पोर्टल पर फीडिंग में लापरवाही पड़ेगी भारी, शिक्षकों के साथ बीईओ पर भी होगी कार्यवाई, 15 जुलाई तक काम न होने पर रुकेगा वेतन
बीएसए सख्त : शिक्षकों के साथ बीइओ पर भी होगी कार्रवाई, तय समय 15 जुलाई तक काम न होने पर रुकेगा वेतन।शिक्षक खुद कर सकते हैं डाटा अपलोड : बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि गूगल लिंक
http://ehrms.upsdc.gov.in/MyProfile/MyProfile/UploadDocuments
पर 15 जुलाई तक डाटा अपलोड करने एवं त्रुटियों के सुधार के लिए वक्त दिया गया है। इस काम को शिक्षक खुद ही कर सकते हैं। गूगल लिंक के माध्यम से कार्य किया जा सकता है। बताया कि जिले में करीब 98 प्रतिशत डाटा फीड हो चुका है। शेष को डाटा अपलोड करने के साथ साथ त्रुटियों का संशोधन भी करने के लिए सख्ती के साथ कहा गया है। अन्यथा की स्थिति में शिक्षकों के साथ साथ सम्बंधित बीईओ के भी वेतन रोकने की कार्यवाही की जाएगी।
Fatehpur : समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी/ समस्त प्रधानाध्यापक/सहायक लेखाकार का माह जुलाई 2020 का वेतन अवरूध्द, देखें कारण!
अध्यापक प्रमाण पत्र सत्यापन फार्म, व शिक्षा मित्र/अनुदेशक प्रमाण पत्र सत्यापन फार्म, डाऊनलोड करें
मानव सम्पदा पोर्टल पर अब शिक्षक-कर्मचारी खुद अपलोड कर सकेंगे अपने अंकपत्र व प्रमाणपत्र, पोर्टल पर आया ऑप्शन, क्लिक कर देखें
नीचे दी गयी लिंक को क्लिक कर के दिये गए स्टेप को फॉलो करें
http://ehrms.upsdc.gov.in/MyProfile/MyProfile/UploadDocuments
Step 1 : पहले मानव सम्पदा पोर्टल पर लॉगिन करें।
Step 2: खुले होम पेज पर पहला होम टैब के बगल के General टैब में क्लिक करें।
Step 3 : दिख रहे विकल्पों में upload documents को चुन लें।
बीटीसी प्रशिक्षित उम्मीदवारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 13 को सुनवाई
उत्तर प्रदेश सहायक शिक्षक भर्ती में बीएड के छात्रों को शामिल करने की चुनौती देने वाली बेसिक टीचर सर्टिफिकेट (बीटीसी) प्रशिक्षित उम्मीदवारों के एक समूह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता छात्रों का कहना है कि इस परीक्षा में बैठने के लिए बीएड के छात्र पात्रता नहीं रखते। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि बृहस्पतिवार को होने बाली सुनवाई को 13 जुलाई तक के लिए टाल दिया है। याचिकाकर्ता छात्रों का कहना है कि बीएड उम्मीदवारों ने छह महीने का ब्रिज कोर्स पूरा नहीं किया है, जो कि सहायक शिक्षक के लिए जरूरी पात्रता है। उन्हें केवल प्रशिक्षु शिक्षकों के रूप में भर्ती किया जा सकता
दरअसल याचिकाकर्ताओं ने यूपी में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा को लेकर 28 जून, 2018 की जारी अधिसूचना को चुनौती दी है। साथ ही जनवरी 2019 में प्रदेश सरकार द्वारा किए गए संशोधन को भी चुनौती दी गई है। इसके जरिये पूर्व प्रभाव से परीक्षा में बीएड के उम्मीदवारों को शामिल किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने बीएड अभ्यर्थियों के पक्ष में दिए गए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को भी चुनौती दी है।